बैंकों की भर्ती प्रक्रिया में होगा बड़ा बदलाव
सरकारी बैंकों में बेहतर टैलेंट लाने के लिए अब बिजनेस स्कूल की तरह प्रवेश परीक्षा लेने पर विचार किया जा रहा है। जिस तरह भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) और दूसरे प्रबंध संस्थानों में कैट (कॉमन एप्टीट्यूट टेस्ट) स्कोर की अहमियत है, उसी तरह बैंकों के लिए बैट (बैंकिंग एप्टीट्यूड टेस्ट बैट ) स्कोर के जरिए भर्तियां करने का सुझाव भारतीय रिजर्व बैंक की समिति ने दिया है।
समिति के अनुसार बदलती बैंकिंग सेवाओं और अच्छी प्रतिभाओं को लाने और उसे बनाए रखने के लिए नई परीक्षा प्रणाली की जरूरत है।
इसके अलावा सरकारी बैंकों को मिडिल लेवल पर अच्छे टैलेंट को तैयार करने के लिए लंबी अवधि की रणनीति पर जो देना होगा, जिससे टैलेंट के संकट से जूझ रहे बैंकिंग सेक्टर को उबारा जा सके।
मंगलवार को भारतीय रिजर्व बैंक की दक्षता विकास पर गठित समिति ने यह प्रमुख सुझाव दिए हैं। समिति की अध्यक्षता आरबीआई के पूर्व एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर जी गोपालकृष्णन कर रहे हैं।
समिति के अनुसार बदलती बैंकिंग सेवाओं और अच्छी प्रतिभाओं को लाने और उसे बनाए रखने के लिए नई परीक्षा प्रणाली की जरूरत है।
इसके अलावा सरकारी बैंकों को मिडिल लेवल पर अच्छे टैलेंट को तैयार करने के लिए लंबी अवधि की रणनीति पर जो देना होगा, जिससे टैलेंट के संकट से जूझ रहे बैंकिंग सेक्टर को उबारा जा सके।
मंगलवार को भारतीय रिजर्व बैंक की दक्षता विकास पर गठित समिति ने यह प्रमुख सुझाव दिए हैं। समिति की अध्यक्षता आरबीआई के पूर्व एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर जी गोपालकृष्णन कर रहे हैं।
समिति का सुझाव है कि सभी बैंकों के लिए एक कॉमन सिलेबस तैयार किया जाए। इसके आधार पर ऑनलाइन बैट की परीक्षा हो। उसमें मिले स्कोर के आधार पर बैंक आवेदक के आवेदन को स्वीकर करें।
जैसे कि कैट और नेट के स्कोर के आधार पर नियुक्तियों के लिए बुलाया जाता है। हालांकि समिति ने यह भी कहा है कि बैट स्कोर जरूरी तो हो, लेकिन चयन का अकेला आधार नहीं होना चाहिए।
जैसे कि कैट और नेट के स्कोर के आधार पर नियुक्तियों के लिए बुलाया जाता है। हालांकि समिति ने यह भी कहा है कि बैट स्कोर जरूरी तो हो, लेकिन चयन का अकेला आधार नहीं होना चाहिए।